सुर्य मुद्रा Surya mudra
सिध्दासन , पद्मासन एवं सुखासन मे बैठकर अनामिका ( तिसरी ) अंगुली को अंगुठे की तरफ मोडकर अंगुठे से हलका सा दबाये दोनो हाथों को घुटनो पर रखकर हथेलिया उपर की तरफ रखे .शेष अंगुलीया एकदम सीधी रखकर रिढ की हड्डी सीधी रखें .
✦❈ समय - अवधि ❈✦
सुर्य मुद्रा करने का सबसे बेहतर प्रातः सुर्योदय के समय स्नान आदी से निवृत्त हो कर इस मुद्रा को करना अधिक लाभदायक होता है . अगर प्रातः संभव ना हो तो सायंकाल सुर्यास्त के पूर्व कर सकते है . इस मुद्रा को आप 8 मिनट से प्रारंभ कर 24 मिनट तक किया जा सकता है .
❈ मुद्रा से लाभ ❈
* सुर्य मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से मोटापा दुर होता है .
* इस मुद्रा से शरीर संतुलित होकर वजन भी घटता जाता है .
* सुर्य मुद्रा के अभ्यास से खून का कोलेस्ट्राल कम होता है .
* इस मुद्रा से पेट के रोग नष्ट होते है .
* सुर्य मुद्रा से शरीर मे तुरंत उर्जा उत्पन्न होती है एवं मानसिक तनाव मे कमी आकर शक्ती का विकास होता है .
* इस से प्रसव उपरांत का मोटापा नष्ट हो कर शरीर पहले जैसा बन जाता है .
* सुर्य मुद्रा के नियमित अभ्यास से व्यक्ती मे अंतर्ज्ञान जाग्रत होता है .
🔼-: सावधानी :- इस मुद्रा को गर्मी या गर्मी के दिनों मे जादा समय तक ना करें .
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