शुन्य मुद्रा
Shunya mudra
किसी भी आसन मे बैठकर रीढ की हड्डी एकदम सिधी रखते हुए मध्यमा ( बीच की अंगुली ) को मोडकर अंगुठे के मुल की तरफ लगाकर अंगुठे से उपरी भाग को हलके से दबाते हूए बाकी शेष अंगुलीयों को सीधा रखे इस प्रकार शुन्य मुद्रा बनती है .
🔸मुद्रा करने का समय / अवधि🔸
शुन्य मुद्रा को 45 मिनट तक करणा चाहिए अगर एक बार मे करणा संभव ना हो तो आप प्रतिदिन प्रातः दोपहर और सायंकाल को 15 - 15 मिनट कर सकते है .🔹 - शुन्य मुद्रा के लाभ -🔹
* कान मे दर्द होने पर शुन्य मुद्रा को आप 5 मिनट तक करने से दर्द मे चमत्कारिक प्रभाव दिखता है .
* शुन्य मुद्रा को करने से कान के सब प्रकार के रोग जैसे कान का बहना , बहरापन , कान मे दर्द आदी समाप्त होकर शब्द साफ सुनायी देता है .
* यह मुद्रा से दांत एवं मसूढों की पकड मजबूत होती है .
* गले की लगभग सभी रोगों मे लाभकारी है यह मुद्रा .
* शुन्य मुद्रा का नियमित अभ्यास करणे से थायराइड ग्रंथी संबंधी रोग दुर होते है .
* ईस मुद्रा से शरीर मे स्पुर्ती आती है एवं आलस्य को कम करती है .
* शुन्य मुद्रा का अभ्यास करने से मानसिक तनाव भी समाप्त हो जाता है .
* इस मुद्रा से इच्छाशक्ती मजबूत बनती है एवं एकाग्रचित्तता बढाती है .
🔴 इस मुद्रा को भोजन के तुरंत पहले या बाद मे न करें . 🔴
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