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ज्ञान मुद्रा

                     
             

                           ज्ञान मुद्रा

    पद़मासन या सुखासन मे बैठ अपनी तर्जनी को अंगुठे के अग्रभाग को हल्केसे स्पर्श करे और शेष तिनों उंगलियों को जितना हो सके सीधा रखे. अंगुठा और तर्जनी के बीच छल्ले जैसा आकार बनाऐं , हाथों को दोनो घुटनों पर रखकर हथेलियों को आकाश की और रखे .

          🔲मुद्रा करने का समय / अवधिः🔲

      * इस मुद्रा को आप प्रतिदिन प्रातः एवं सायंकाल को किया जा सकता है.
      * प्रतिदिन 60 मिनिट या अपनी सुविधा नुसार अवधि को कम या जादा कर सकते है.
      * यदी एक बार मे 60 मिनिट करणा संभव ना हो तो आप 30-30 मिनट प्रातः या सायंकाल को कर सकते है.

                  🔲ज्ञान मुद्रां के लाभ🔲

               

                 
 1) ज्ञान मुद्रा का अभ्यास  करने से बेहतर एकाग्रता और स्मरणशक्ती बढती है.
 2) विद्यार्थीयों के लिए अत्यंत लाभकारी मुद्रा है इससे बुद्धी का विकास होकर पढाई मे मन लगने लगता है.
 3) इस मुद्रा के नियमीत अभ्यास  से क्रोध, चिडचिडापन , तनाव , चिंता , सिरदर्द एवं अनिद्रा नष्ट हो जाती है .
 4) ज्ञान मुद्रा से शरीर मे ऊर्जा की वृध्दी होती है .
 5) नियमित रूप से अभ्यास करणे से नशा करने की लत से छुटकारा मिल जाता है और मानसिक विकारों से भी छुटकारा होता है.
 6) कमर के दर्द मे आराम मिलता है .
 7) ज्ञान मुद्रा के अभ्यास से पाचन संबंधी रोगों मे लाभ मिलता है और स्नायू मंडल भी मजबूत होता है .
                     

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